जिंदगी में याद रखने लायक कुछ बातें

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What things should always be secret

लोग कहते हैं कि सच बोलना चाहिए, परिणाम चाहे जो हो। सच बोलने पर सामने वाला सत्यवादिता पर प्रभावित होता है। वगेरह वगेरह, हम थोड़ा अलग सोचते है।

आप इस लेख के अंत मे कह सकते हैं कि हम एक नम्बर के झूठे हैं। इसलिये क्योंकि हम अपने अंदर एक बहुत बड़ी तिजोरी बन्द कर रखे हैं और उस तिजोरी में अनेकों राज बंद है। आइए कुछ तिजोरी का बोझ हल्का करें। ऊपर जाने में आसानी होगी, वैसे भी सफर में सामान और बोझ जितना कम हो, सफर आनंददायक होता है।

  1. मुझे नॉनवेज बहुत पसंद है लेकिन ये बात कोई नहीं जानता। मेरी पत्नी भी नहीं। कभी बताया नहीं, क्यों, क्योंकि वो प्योर वेज है।
    तो पहला सबक, अगर आप भी कुछ ऐसा करते हैं तो पत्नी को बिल्कुल न बताएं वरना तलाक होने की पूरी सम्भावना है।
  2. मैं बॉस को भी बहुत बार झूठ बोल देता हूँ। जैसे कि बॉस बहुत स्मार्ट लग रहे हैं। जब कि वो बहुत ही आला दर्जे के चपडगंजू दिखते हैं।
    तो दूसरा सबक, बॉस के सामने कभी सच नहीं बोलना चाहिए, हमेशा उनकी तारीफ करनी चाहिए, वरना रोज गाली खाने को मिलेंगे।
  3. मैं दोस्तों को भी झूठ बोल देता हूँ। पैसे नहीं होते है। फिर भी कह देता हूँ कि ला आज खाने का बिल मैं दूंगा। थोड़े न नुकुर के बाद सुरेश ही बिल देता था। सुरेश, मेरा कुवैत वाला दोस्त। करोड़ो में सैलरी है उसकी।
    तो तीसरा सबक, दोस्तो के सामने कभी अपनी वित्तीय स्थिति नहीं कहनी। क्यों, वो मदद तो देने से रहे, पीठ पीछे हसेंगे और। आजकल सच मे कोई दोस्त थोड़े न होता है। बस, सब कुछ ऐसे ही।
  4. किसी की वित्तीय मदद करनी है आपको? भूल कर भी पत्नी को मत बताइएगा। गलती से बोल दिया कि फलाना हमसे दस हजार मांग रहा था, मैंने दे दिया, बेसहारा है बेचारा, बहुत तकलीफ में है। कुछ महीने में लौटा देगा। उसके बाद जो रामायण शुरू होगी कि आप सोच भी नहीं सकते। क्यों दिया, कौन है, कब लौटाएगा, मुझको डिस्कश क्यों नही किया पहले, आप तो सबके दाता हो, सबको देते फिरते हो, हम मांगे तो वैसे नही है, पेड़ में उगते है क्या, सैलरी अभी नही मिली, इतने से काम चलाओ, वगेरह वगेरह कह कर टाल देते हो, और दूसरों को देने के लिये तो जैसे कुबेर का खजाना पड़ा है आपके पास….ये सब सुनने को तैयार रहिये।तो चौथा सबक, दाएं हाथ से किसी को मदद किया तो बाए हाथ को न पता चले, पत्नी तो बहुत दूर है।
  5. आफिस में फिर से बहुत झूठ बोलना पड़ता है। समस्या अगर x है तो उसे x to the power 10 बताना पड़ता है। क्यों, क्योंकि अगर आप समस्या है ही नहीं बताएंगे तो आपको 2 महीने में नौकरी से निकाल देंगे। कहँगे कि इसकी जरूरत ही नहीं, क्योंकि कोई समस्या ही नही। तो अपनी नौकरी बचाने के लिये आफिस में अपने काम को दस गुना बढ़ा चढ़ा कर बोलना चाहिए।
    तो पांचवा सबक ये है कि आफिस में अपने काम मे आने वाले दुस्वरियो को दस गुना कर के बोले, और सबसे अंत मे समाधान बोले। इससे आपकी कीमत और नौकरी, दोनो सलामत रहेगी।
  6. मेरे रिश्तेदार अक्सर पूछते रहते है कि आखिर कितनी बचत हो जाती है। इस बात का जवाब हमेशा घुमा फिरा कर देता हूँ। मगर जब वे मिलेंगे, फिर से वही सवाल। एक बार मैंने कहा दिया कि आपके पूरे साल की जितनी पीने की औकात है न, उतना मैं एक घण्टे में कमाता हूँ। बस होंगया बवाल। अनुज को बात करने की तमीज नहीं है, उदण्ड हो गया है, फलाना ढिमकना। वो तो शुक्र कीजिये कि मैंने सपने में ये बोला था। हकीकत में बोला होता तो उन्होंने तो मेरा पिंडदान ही कर देना था उसी वक्त।
    तो छठा सबक, रिश्तेदारों से अपनी कमाई और बचत कभी नहीं बतानी। वरना सारी जमा पूंजी दान में चली जानी है।
  7. सब्जी आज अच्छी नहीं बनी? कोई बात नहीं, अगर कह दिया तो बेलन 189 किलोमीटर की स्पीड से रसोई से उड़ता हुआ खाने की मेज तक आ सकता है। बात को घुमाइए, बोलिये कुछ तबियत नासाज लग रही है। एक रोटी पर डिनर खत्म करिए और कहिए, चलो जरा टहलने चलते हैं। टहलते हुए किसी पास के ढाबे तक। उसके बाद आपको पता है क्या करना है।
    तो सातवां सबक, पत्नी के खाने की बुराई कभी नहीं करनी। डिप्लोमेटिक तरीके से सच को झूठ का लिबास पहना कर काम निकालने की कला आनी चाहिए। इससे पत्नी भी खुश और आप भी खुश।
  8. और आखिर में खूबसूरत कन्या के सामने। चाहे आप शादी शुदा हो या कुँवारे हो। सच तो बिल्कुल नही बताना है। वरना वही पत्ता कट जाना है। गाड़ी में जितनी पेट्रोल डालेंगे उतनी चलेगी। तो पहले से ही पेट्रोल नही है, कह कर गाड़ी को ब्रेकडाउन क्यों करवाना? चलने दो, जीतनI चल सकती है। जिंदगी तो एक ही मिली है ना, तो रोज चिकन क्यों नही, दाल ही क्यों?
    तो आठवां सबक, मौके का फायदा हर हाल में उठाना है, भले जेल हों जाय। मंजूर है। लेकिन जमीर तो एक ही है ना, जमीर साफ रखना चाहिए। किसी को धोखा नही देना चाहिए, किसी के दिल से नही खेलना चाहिए। दोस्त बनना चाहिए, हमेशा मदद करने को तैयार रहना चाहिए। लेकिन किसी को धोखे में रख कर उसका फायदा नही उठाने चाहिए। क्यों, क्योंकि भगवान ने अच्छा इंसान बनाने वाला साँचा तोड़ दिया है। और बनाता नहीं है। इसलिये बहुत कम बचा है, धरती पर।

बस इतना ही राज रखना है।