क्या कारण है कि भारत में लोग अब कोरोना को हल्के में ले रहे हैं ?

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करोनावायरस तभी जानलेवा है जब हम मीडिया राजनीति या माहौल की बात करते हैं अगर हम साइंस सबूत और आंकड़ों की बात करें तो करोना वायरस बिल्कुल भी जानलेवा नहीं है

यह माहौल उसी मीडिया द्वारा बन जाता है जिसे आप पैसों में खरीद सकते हैं कुछ भी दिखा सकते हैं आप चाहे तो आप मेरे साथ चलिए एबीपी न्यूज़, आज तक, अगर आपके पास पैसे हैं तो आप शादी की वीडियो भी चला सकते हैं।

और राजनिति सारी मीडिया के आधार पर चलती है हमारे वोट अगर जाते हैं तो मीडिया द्वारा भ्रमित किए गए दिमाग से ही हम वोट डालते हैं।

अगर सबूत की बात करें तो चीन इतना बड़ा देश अपनी लाशों को ऐसे बड़ी स्क्रीन पर कभी नहीं दिखाता अगर असल में ऐसा होता तो।

अगर अच्छी से अच्छी क्वालिटी का मास्क मे कपड़े का छेद और करोनावायरस का साइज आप देखेंगे तो किसी भी तरह से क्रोनावारिस रुक नहीं सकता।

प्राइवेट हॉस्पिटल वाले पैसे कमा रहे हैं इसलिए नहीं बोल रहे हैं सरकारी वाले इसलिए नहीं बोल रहे कहीं नौकरी ना चली जाए।

स्कॉट जॉनसन ‘डायरेक्टर हेल्थ’ को डिपार्टमेंट ने कहा के आप के पास सर्दी जुखाम खांसी नजला या इस टाइप से संबंधित कोई भी मरीज आता है तो आप उसे कॉविड-19 में ही लिखें चाहे रिपोर्ट पॉजिटिव हो या नेगेटिव हो उन्होंने ऐसा करने से साफ मना कर दिया यह बयान उन्होंने ऑफिशियल लिख कर दिया है।

भारत की आईसीएमआर की शर्ते भी यही है अगर इस टाइप का कोई भी पेशेंट अगर जिंदा या फिर मुर्दा भी कहीं पर मिलता है तो उसको कोविड-19 में ही लिखें, चाहे रिपोर्ट नेगेटिव हो या पॉजिटिव।

जब सरकारी हजार टेस्ट प्रतिदिन कर रही थी तो कम पॉजिटिव आ रहे थे जब 10000 टेस्ट प्रति दिन हो गए तो और ज्यादा पॉजिटिव आने शुरू हो गए और अभी एक डेढ़ लाख से ज्यादा टेस्ट कर रही तो और ज्यादा पॉजिटिव आ रहे हैं जब-जब टेस्ट जहां-जहां बढ़ेंगे वहां पॉजिटिव आएंगे।

कई गरीब देश है जहां टेस्टकिट खरीदने के पैसे नहीं वहां ना कोई टेस्ट हो रहा है ना बीमार पड़ रहे हैं।

दुनिया में कई देश ऐसे भी है जहां ना लोकडाउन किया गया है।

इस चीज के कई सबूत है आपको और सबूत चाहिए तो आप सर्च कीजिए तंजानिया के प्रेसिडेंट ने क्या किया इस षड्यंत्र को पकड़ने के लिए

मेडागास्कर के प्रेसिडेंट ने क्या किया।

तुर्कमेनिस्तान ने क्या किया।

भारत में लगभग 400 आदमी हर रोज फेफड़ों की टीबी से मरते हैं ,1200, 1300 आदमी हर रोज कैंसर से मरते हैं इन से भी ज्यादा हार्टअटैक से मरते हैं। तो जो मरने वाले हैं कल या परसों क्या उनका करोना नहीं हो सकता बिल्कुल हो जाएगा तो मर ने तो वैसे भी अगर करोना नहीं होगा तो भी मरेंगे अगर हो जाता है तो उनको करोना में लिखा जाता है और अखबारों की हेडिंग बनाई जाती है।